Monday, May 25, 2009

" जीने की राह "

जब सपनो में आकर कोई मंजिल मुझे बताता है ,
अपने आगन में पाकर उसे , हर्षित मन हो जाता है //
जीवन एक कठिन डगर है, यही तो उसका कहना है ,
ख्वाबो में रहकर भी दूर उसी से रहना है //
एक नया प्रवाह देकर वो वापस जाना चाहता है ,
ख्वाबो में रहकर भी वो ख्वाब ही रहना चाहता है //
अध्याय जब शुरू हुआ तो, अंत कही तो होना है ,
जीवन चाहे कैसा भी हो , एक न एक दिन खोना है //
दूसरो को जीवन देकर , हर्षित मन हो जाता है ,
जब सपनो में आकर कोई, जीने की राह दिखाता है //


1 comment:

  1. ख्वाबो में रहकर भी वो ख्वाब ही रहना चाहता है //
    dost ye line to mere dil ke bato ko bayaan karte hai.. thats way i like these line most

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